
हम फिर आपके सामने आये हैं बाल पत्रिका "आईना" नन्ही तूलिकाके नए अंक के साथ .एकबार फिर बच्चे आपसे आशीर्वाद के पात्र हैं,क्योंकि बच्चे कितनी अच्छी सोच रख रहे हैं ,काबिल-अ-तारीफ की बात है....
यह अंक लोक कथा विशेषांक है जिसमें अनेक देशो की लोक कथाएं राखी गयी है ,बच्चों ने अपना पेंटिंग,कार्टून,कविता इवेनयहाँ तक की अपने आस-पास की न्यूज़ तक दिए हैं।
पत्रिका की संपादक स्वयम्बरा बहुत ही बढ़िया बच्चों की मानसिकता को समझकर उनकी बातों को रख रही हैं.