Wednesday, April 14, 2010

बाल पत्रिका "आईना' आपके सामने


हम फिर आपके सामने आये हैं बाल पत्रिका "आईना" नन्ही तूलिकाके नए अंक के साथ .एकबार फिर बच्चे आपसे आशीर्वाद के पात्र हैं,क्योंकि बच्चे कितनी अच्छी सोच रख रहे हैं ,काबिल-अ-तारीफ की बात है....
यह अंक लोक कथा विशेषांक है जिसमें अनेक देशो की लोक कथाएं राखी गयी है ,बच्चों ने अपना पेंटिंग,कार्टून,कविता इवेनयहाँ तक की अपने आस-पास की न्यूज़ तक दिए हैं।
पत्रिका की संपादक स्वयम्बरा बहुत ही बढ़िया बच्चों की मानसिकता को समझकर उनकी बातों को रख रही हैं.

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